DHRUV JUREL की अनसुनी कहानी, कभी क्रिकेट कीट खरीदने तक के नही थे पैसे उसे आज नया धोनी कहा जा रहा है

Join whatsapp group Join Now
Join Telegram group Join Now

मां ने गहने बेचकर उसे क्रिकेटर बनाया बेटा पहले हि इंटरनेशनल मैच में छाया ! हर क्रिकेटर की ज़िन्दगी में, हर सक्सेसफुल व्यक्ति की ज़िदगी में उसकी सफलता के पीछे संघर्ष की बहुत सारी कहानियां होती है ऐसे ही एक क्रिकेटर जिसकी सफलता की कहानी संक्षिप्त में हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपके साथ शेयर कर रहे हैं..

DHRUV JUREL की अनसुनी कहानी

ध्रुव जुरेल की ज़िन्दगी में भी उतना ही संघर्ष था जितना कई सारे क्रिकेटर्स की ज़िन्दगी में होता है, ध्रुव के परिवार के पास तो इतने पैसे भी नही थे की ध्रुव के लिए क्रिकेट की किट मंगाई जा सके. उनके लिए क्रिकेट किट मंगवाने के लिए उनकी मां को अपने गहने तक बेचने पड़ गये थे.

Join whatsapp group Join Now
Join Telegram group Join Now
DHRUV JUREL की अनसुनी कहानी, कभी क्रिकेट कीट खरीदने तक के नही थे पैसे उसे आज नया धोनी कहा जा रहा है

Dhruv Jurel Biography in Hindi

ध्रुव जब 12 वर्ष के थे तो उन्होंने घर में क्रिकेट किट की मांग की थी आर्मी से रिटायर पिता के लिए बिना कुछ सोचे समझे क्रिकेट किट खरीदना आम सी बात नही थी साथ हि वो चाहते थे की बेटा सेना में अफ़सर बने इस वजह से भी वो किट नही खरीद रहे थे ऐसे में ध्रुव ने कहा की अगर उन्हें क्रिकेट किट नही मिली तो वो घर छोड़ देंगे इसके बाद उनकी मां को अपने बच्चे के सपने को पूरा करने के लिए क्रिकेट किट खरीदनी पड़ी ऐसे में उनकी मां ने सोने की चैन बेचकर बेटे को क्रिकेट की किट दिलाई.

ध्रुव जुरेल का परिचय

ध्रुव आगरा के रहने वाले हैं और उनके पिता सेना में थे जिन्होंने सेना में रहते हुए कारगिल के युद्ध में भी भाग लिया था जिसके बाद साल 2007 के आस-पास वो रिटायर हो गए थे. ध्रुव का जन्म साल 2001 में हुआ और वो 10 साल के भी नही थे जब उनके पिता बतौर हवालदार सेना से रिटायर हो गए. उस समय ध्रुव आगरा की आर्मी स्कूल में पढ़ते थे उनके पिता चाहते थे की बेटा सेना में अफ़सर बने और उनकी तरह देश की सेवा करे लेकिन बेटा सैनिक नही बनना चाहता था वो देश की सेवा तो करना चाहता था लेकिन बतौर क्रिकेटर बनके.

ध्रुव जुरेल की क्रिकेट में रूचि

ध्रुव के पिता ने ध्रुव को खेल से जुड़ी गतिविधियों में भाग लेने के लिए कहा फिर स्कूल में 2 महीने के लिए खेल का कैंप शुरू हुआ तो ध्रुव तैराकी में भाग लेने के लिए अपने दो दोस्तों के साथ पहुंचे यहां सभी खेल हो रहे थे और एक लड़का क्रिकेट खेलते हुए शानदार शॉट्स लगा रहा था बस ध्रुव को यही पसंद आ गया और उन्होंने तैराकी छोड़कर क्रिकेट में अपना नाम लिख लिया.

ध्रुव जुरेल का क्रिकेट करियर

करियर की शुरुआत में ध्रुव ऑफ़ स्पिन गेंदबाज़ी करते थे लेकिन उनकी गेंदबाज़ी कुछ खास नही थी ऐसे में फिर उन्होंने विकेट-कीपिंग में हाथ आज़माया और इस रोल में उन्होंने सबको प्रभावित भी किया इसके साथ हि वे मध्य क्रम बल्लेबाज़ होने के साथ हि विकेटकीपर बन गए.

क्रिकेट में ध्रुव का इंटरेस्ट और प्रतिभा देखकर पिता भी उनका समर्थन करने लगे इसके बाद ध्रुव ने कभी पीछे मुड़कर नही देखा. साल 2020 में देश की अंडर-19 टीम में चुने गए और उपकप्तान भी बनाए गए, उनकी टीम विश्व कप के फाइनल में बांग्लादेश से हार गयी लेकिन ध्रुव ने अपनी कप्तानी में टीम इंडिया को अंडर-19 एशिया कप जीता दिया.

ध्रुव जुरेल के आइडल

ध्रुव महेंद्र सिंह धोनी की तरह कप्तानी करना चाहते हैं, विकेट के पीछे धैर्य और चतुराई के साथ विपक्षी बल्लेबाजों को फसाते हुए उन्होंने अंडर-19 एशिया कप में बहुत हि छोटे लक्ष्य का बचाव करते हुए 5 रनों से रोमांचक जीत हासिल की थी. बल्लेबाज़ी में ध्रुव एबी डिविलियर्स को अपना आदर्श मानते हैं, फिटनेस के मामले में जुरेल विराट कोहली के कायल हैं और ध्रुव के भी स्ट्रोक प्ले में विराट का अंश दिखाई देता है.

ध्रुव जुरेल का आईपीएल डेब्यू

ध्रुव जुरेल ने अपने पहले ही आईपीएल मैच में सभी दर्शकों का दिल जीत लिया था. पंजाब के खिलाफ़ 198 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए राजस्थान की टीम ने 15 ओवर में 124 रन बनाए और 6 विकेट खो दिए थे

ऐसे में टीम को जीत के लिए 30 गेंदों में 74 रनों की आवश्यकता थी ऐसे में संजू सेमसन ने ध्रुव जुरेल को 8 वें नंबर पर इम्पैक्ट प्लेयर के तौर पर बल्लेबाज़ी के लिए और हेत्मायर का साथ देने के लिए मैदान पर बुलाया जिसके बाद ध्रुव ने हेत्मायर के साथ मिलकर आक्रामक अंदाज़ में काउंटर अटैक करना शुरू किया. यह मैच पंजाब किंग्स जीत गयी लेकिन ध्रुव जुरेल ने सबका दिल जीत लिया. ध्रुव 15 गेंदों पर 32 रन बनाकर नाबाद रहे थे.

ध्रुव जुरेल का इंटरनेशनल डेब्यू

घरेलु क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद ध्रुव को भारत के लिए इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की टेस्ट सिरीज़ के स्क्वाड में शामिल किया गया, शुरूआती 2 मैचों में श्रीकर भरत के ख़राब प्रदर्शन के कारण ध्रुव को तीसरे मैच में डेब्यू करने का मौका मिला और अपने डेब्यू मैच में ही ध्रुव ने 46 रनों की अंडररेटेड पारी खेली लेकिन सिरीज़ के चौंथे मैच में ध्रुव ने शानदार 90 रन बनाकर टीम को मुश्किल परिस्थिति से बाहर निकाला और क्रिकेट की दुनिया में अपना झंडा गढ़ाया.

इसे भी पड़े :

Join whatsapp group Join Now
Join Telegram group Join Now

Leave a Comment